बढ़ते कोरोना संक्रमण पर सरकारें भी बेबस नजर आ रही हैं। सोमवार को नीति आयोग ने कहा, ”अब वक्त आ गया है, जब हमें घर के अंदर परिवार के साथ रहते हुए भी मास्क पहनना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि मेहमानों को घर पर न बुलाएं। नीति आयोग में हेल्थ मिनिस्ट्री के मेंबर डॉक्टर वीके पॉल ने कहा- डर या भय न फैलाएं, इससे हालात सुधरने की बजाए बिगड़ सकते हैं। अच्छी बात यह है कि अब लोग घर में भी मास्क लगाने लगे हैं।
एक संक्रमित 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है
पॉल ने कहा- रिसर्च से पता लगा है कि अगर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जाता तो एक संक्रमित व्यक्ति 30 दिन में 406 लोगों तक संक्रमण पहुंचा सकता है। ऑक्सीजन की कमी से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार ने अस्पतालों को ऑक्सीजन का सही तरीके और सावधानी से इस्तेमाल करने को कहा है। हमें ऑक्सीजन का लीकेज भी रोकना होगा।
पीरिएड्स के दौरान वैक्सीनेशन सुरक्षित
महिलाओं से जुड़े एक जरूरी सवाल पर सरकार ने कहा है कि मासिक धर्म या माहवारी (पीरिएड्स) के दौरान भी वैक्सीन लगवाना सुरक्षित है। यानी वैक्सीन का पीरिएड्स से कोई संबंध नहीं है। बता दें कि इस मामले को लेकर कई दिनों से सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है, जिसमें यह अफवाह फैलाई जा रही थी कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं के लिए वैक्सीन लगवाना नुकसानदायक है।
डरने की जरूरत नहीं
सरकार ने कहा है कि महामारी से डरने की जरूरत नहीं है। इससे फायदे की बजाए नुकसान ही होगा। डॉक्टर पॉल के मुताबिक, भारत में मेडिकल यूज के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन मौजूद है, लेकिन उन्होंने माना कि इसको ट्रांसपोर्ट करना यानी अस्पतालों तक पहुंचाना बड़ी चुनौती है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग सिर्फ डर की वजह से हॉस्पिटल्स में बेड बुक करा रहे हैं। सरकार ऐसे लोगों से अपील करती है कि वे सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही अस्पताल में भर्ती हों। उन्होंने कहा कि रेमेडेसिविर और टोसिलिजुमैब जैसी दवाओं का इस्तेमाल सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही किया जाना चाहिए।