छत्तीसगढ़ में बहुत बड़ी आबादी कोरोना संक्रमण से जूझ रही है। खासकर शहरी इलाके इसकी चपेट में सबसे ज्यादा हैं। सरकार वैक्सीनेशन पर जोर दे रही है। ऐसे में नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा से सुकून भरी तस्वीरें और आंकड़े सामने आए हैं। जिले के जिन गांवों में नेटवर्क, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं है, वहां के ग्रामीणों ने जागरूकता की मिसाल पेश की है। 116 ग्राम पंचायतों में 100% वैक्सीनेशन हो गया है। खास बात यह है कि इस टारगेट को महज 25 दिन में हासिल किया गया है।

वैक्सीनेशन में नक्सल प्रभावित 20 से ज्यादा ग्राम पंचायतें भी पीछे नहीं
जिले में 127 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें से 116 ग्राम पंचायतों के 45+ के 36591 ग्रामीणों ने वैक्सीनेशन करा लिया है। इनमें जिले के धुर नक्सल प्रभावित गांव माने जाने वाले पोटाली, बुरगुम, पखनाचुआ, अरबे जैसे 20 से ज़्यादा पंचायतें शामिल हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो यह ग्रामीण क्षेत्र में तय लक्ष्य का 99% से भी ज्यादा बड़ा आंकड़ा है। एक और अच्छी बात यह है कि टीकाकरण से ज़्यादा तबीयत बिगड़ने जैसा एक भी मामला अभी तक सामने नहीं आया है।
कुल पंचायतें | 127 |
100% टीकाकरण काम हुआ | 116 पंचायत में |
कुल जनसंख्या | 1 लाख 83 हजार 608 |
वैक्सीनेशन का लक्ष्य | 36 हजार 722 (कुल जनसंख्या का 20%) |
अब तक लगी वैक्सीन | 36 हजार 591 लोगों को |
कुल | 99.64 % |
इन गांवों में सबसे ज्यादा चुनौती थी, लेकिन ग्रामीण आगे आए
ज़िले के कटेकल्याण, कुआकोंडा ब्लॉक के गांवों में सबसे ज़्यादा चुनौती है। इनमें पोटाली, रेवाली, बुरगुम, चेरपाल, गुटोली, पाहुरनार, चिकपाल, एडपाल, पखनाचुआ, मारजूम, गुड़से, परचेली, तेलम, टेटम, सूरनार जैसी और इंद्रावती नदी पार की कई पंचायतें हैं जो नक्सल प्रभावित होने के साथ पहुंच से दूर हैं। इसके बाद भी यहां वैक्सीनेशन का काम पूरा कर लिया गया है। इसका बड़ा कारण इन पंचायतों के ग्रामीण खुद जागरूक हुए और टीकाकरण को आगे आए।

ये पंचायतें लक्ष्य के करीब
जोड़ातराई, श्यामगिरी, डुमाम, चोलनार, भांसी, महाराहाउरनार, तुमरीगुंडा, पोंदुम, हाउरनार, कौरगांव और कोरकोटी भी लक्ष्य के बेहद करीब है। इन सभी पंचायतों में 90% से अधिक लोगों को वैक्सीन लग चुकी है।
प्रशासन के इन इंतजामों ने भी बढ़ाया वैक्सीनेशन का ग्राफ
- प्रशासन ने टीकाकरण केंद्रों तक ग्रामीणों को लाने व वापस घर तक छोड़ने बस की व्यवस्था की।
- ग्राम स्तर पर सरपंच, सचिवों, पटवारियों की ड्यूटी।
- कलेक्टर दीपक सोनी खुद मॉनिटरिंग करते रहे।
- टीकाकरण केंद्रों में भोजन ,पेयजल की व्यवस्था ताकि कोई भी ग्रामीण भूखे पेट टीका न लगवाए।
- टीकाकरण केंद्रों में ही शिविर लगवाकर किसान क्रेडिट कार्ड, आयुष्मान कार्ड, पेंशन व श्रम कार्ड बनाने भी शिविर लगाया, ताकि ग्रामीणों को इसका भी लाभ मिले।
- स्थानीय बोली हल्बी- गोंडी की ऑडियो रिकॉर्डिंग, कलेक्टर के संदेश को हर गांव तक पहुंचाया, ताकि लोग इसके महत्व को समझें।
जिले की 116 ग्राम पंचायतों में 45 से अधिक उम्र के 100% लोगों को टीका लग चुका है। शेष पंचायतें भी लक्ष्य के करीब हैं। टीकाकरण का काम चल रहा है। टीकाकरण के लिए ग्रामीणों में अच्छी जागरूकता देखने को मिली। इसके लिए पूरी टीम और ग्रामीणों को बधाई।
-दीपक सोनी, कलेक्टर, दंतेवाड़ा