मध्यप्रदेश में कोरोना की रफ्तार पिछले चार दिन से स्थिर है। पिछले 24 घंटे में 12,379 संक्रमित मिले हैं। जबकि मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। 30 अप्रैल को 103 मौतें सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज की गईं, जबकि मौतों की वास्तविक संख्या ज्यादा है। एक्टिव केस में तीसरे दिन भी कमी आई है। अब प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या घटकर 88,511 हो गई है।
कोरोना की पहली लहर का पीक सितंबर 2020 में आया था। जबकि दूसरी तरह ने अप्रैल 2021 में कहर बरपाया। यदि पहली लहर से तुलना करें तो दूसरी लहर की रफ्तार 4 गुना तेज है। प्रदेश में मौतों की संख्या भी दो गुना ज्यादा है। पहली लहर के पीक में सरकार ने लॉकडाउन में पाबंदियों को धीरे-धीरे हटाना शुरू कर दिया था। जबकि दूसरी लहर में कोरोना कर्फ्यू लागू है। हालांकि उद्योग से लेकर आवश्यक सेवांए अब भी चालू हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक राहत की खबर यह है कि प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 18 दिन बाद 20 फीसदी के पास आ गया है। इससे पहले 12 अप्रैल को पॉजिटिविटी रेट 19% था। इसके बाद से यह हर दिन बढ़ता गया। अप्रैल माह के अंतिम दिन 30 अप्रैल को पहली बार 60 हजार से ज्यादा सैंपल टेस्ट की रिपोर्ट आई।
पिछले 24 घंटे में प्रदेश में सबसे ज्यादा 8-8 मौतें इंदौर और जबलपुर में हुईं। भोपाल और ग्वालियर में 6-6 मरीजों ने दम तोड़ा। यदि अप्रैल माह के कुल आंकड़े देखें तो सबसे ज्यादा इंदौर में 182 मरीज कोरोना की जंग हारे। जबलपुर में भोपाल से ज्यादा लोगों की कोरोना से मौत हुई। भोपाल में पिछले माह 108 मरीजों ने अपनी जान गंवाई। जबलपुर में यह आंकड़ा 155 रहा। ग्वालियर में पिछले माह 133 लोगों की जान कोरोना ने ली।
2 गुना बढ़े टेस्ट
अप्रैल माह में 2 लाख 74 हजार से ज्यादा संक्रमित मिले। सितंबर 2020 में यह संख्या 63, 174 थी। इसकी वजह यह है कि दूसरी लहर में 2 गुना ज्यादा टेस्ट किए गए। लेकिन सबसे ज्यादा चिंताजनक यह है कि एक्टिव केस में 14 गुना का इजाफा हुआ है। पहली लहर में सितंबर माह में एक्टिव केस 6,136 बढ़े थे। लेकिन दूसरी लहर में यह आंकड़ा 89,175 पहुंचा।