छत्तीसगढ़ में विपक्षी नेताओं और पत्रकारों पर फर्जी एफआईआर की भरमार-क्राइम रिपोर्ट - THE PRESS TV (द प्रेस टीवी)
September 23, 2023
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छत्तीसगढ़ में विपक्षी नेताओं और पत्रकारों पर फर्जी एफआईआर की भरमार-क्राइम रिपोर्ट

नई दिल्ली 

द प्रेस टीवी

छत्तीसगढ़/रायपुर सूत्रों की माने तो विगत कई महीनों से एक योजना बद्ध तरीके से पुलिस विभाग द्वारा फर्जी एफआईआर करने का एक मुहिम सा छिड़ गया है। बेकसूर लोगो को फर्जी एफआईआर मुकदमो में धड़ल्ले से धकेलने का कार्य बखूबी अंजाम दिया जा रहा है।

क्राइम रिपोर्ट मीडिया के अनुसार छत्तीसगढ़ में पिछले साल की तुलना में इस साल क्राइम की बेताहाशा वृद्धि देखी जा रही है। जिसमे से 60 से 70 परसेंट एफआईआर या तो फर्जी है या झूठी रिपोर्ट के आधार पर लिखी गई है। रिपोर्ट के अनुसार बिना जांच के ही एफआईआर दर्ज करने का नंगा नाच छत्तीसगढ़ में हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार यदि यही हाल रहा तो आने वाले विधानसभा चुनाव में वर्तमान कांग्रेस सरकार का जाना तय है?

एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि फर्जी एफआईआर में विपक्षी दल के नेताओं को तो फंसाने का कार्य तो बखुबी किया ही जा रहा है साथ ही चौथे स्तम्भ मीडिया कर्मियों को भी नही बख्शा जा रहा है या तो मीडिया कर्मीयो को फर्जी एफआईआर में फंसाया जा रहा है या उनके परिवार के सदस्यों को फंसाया जा रहा है कोरिया, बिलासपुर अम्बिकापुर जशपुर में कई मीडिया कर्मियों के साथ साथ उनके परिवार के सदस्यों को फर्जी एफआईआर में घसीटने का कार्य बखूबी किया गया है। इसकी गूंज अब दिल्ली तक सुनाई दे रही है।

दिल्ली क्राईम मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब छत्तीसगढ़ पत्रकारों के लिए सुरक्षित राज्य नही रह गया है जिसके कारण यहाँ के पत्रकारों में छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश फैल रहा है। अपनी नाकामी को छुपाने या किसी खबर को छापने, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, डिजिटल मीडिया में खबरों को चलाने पर पत्रकारों पर फर्जी एक्टरोसिटी एक्ट(एससी, एसटी) एक्ट का दुरुपयोग कर जेल भेज दिया जा रहा है। पत्रकार सुरक्षा कानून की तो यहां कोई कीमत ही नही है। कोई पीड़ित पत्रकार यदि उच्चस्तरीय जांच की मांग करता है तो उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। उसकी कोई जांच नही की जाती है।

2019की एक रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता करने का मतलब जान जोखिम में डालना है? कहने को तो सरकार के नुमाइंदे कहते है कि आप निष्पक्ष होकर पत्रकारिता करें, पर यदि निष्पक्ष होकर पत्रकारिता करेंगे तो आप या आपके परिवार का कोई भी सदस्य फर्जी एफआईआर में फंसा दिया जाएगा। या तो झूठी वाह वाही करते रहिए या फिर अपनी लेखनी बन्द किये रहिए वरना ये भूपेश की सरकार है और यहां कानून का नही हमारा राज चलता है।

इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में हुए  पॉक्सो एक्ट का दुरुपयोग कर तहत दर्ज किए गए समस्त एफआईआर पर एक रिपोर्ट पेश की जाएगी…

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