आजादी के 75 साल बाद भी कई जगह मूलभूत सुविधाएं तक नहीं हैं। सरकार का दावा है कि गांव-गांव तक सड़क बन चुकी है। इसी दावे की पोल खोलने वाली तस्वीर मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में सामने आई है। यहां एक महिला करंट से झुलस गई। सड़क नहीं होने के कारण गांव तक एम्बुलेंस नहीं पहुंच सकी। इस कारण चार लोग खटिया पर लटका कर उसे 4 किलोमीटर पैदल एम्बुलेंस तक ले गए। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां से जबलपुर रेफर कर दिया गया।
घटना 2 सितंबर की बताई जा रही है। इसका वीडियो अब भी सामने आया है। वीडियो में कुछ लोग जली हुई महिला को लटका कर पैदल ले जाते दिख रहे हैँ। बताया जा रहा है कि वीडियो सिवनी जिले के घंसौर इलाके से बरगी बांध से विस्थापित गांव बखारी का है। यहां आदिवासी यमुना बाई सैयाम खेत में काम कर रही थी। इसी दौरान उसे करंट लग गया। वह 80% झुलस गई। आवाज सुनकर गांव वाले पहुंचे। गांव वाले और परिवार वाले उसे लेकर नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। यहां से जबलपुर रेफर कर दिया गया।

सड़क नहीं होने से गांव तक नहीं पहुंची एम्बुलेंस
एम्बुलेंस को भी कॉल कर दिया गया, लेकिन गांव तक पहुंचने के लिए सड़क संकरी है। रास्ता भी कच्चा है। सड़क किनारे एम्बुलेंस भी खड़ी हो गई। गांव वालों ने महिला को खटिया पर बांधा। इसके बाद चार लोग कंधे पर लटकाकर उसे गांव के बाहर 4 किलोमीटर तक पैदल एम्बुलेंस तक ले गए। इस दौरान वहां मौजूद किसी ने इसका मोबाइल से वीडियो बना लिया। फिर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। एम्बुलेंस की मदद से उसे जबलपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अफसर बोले- जानकारी मिली है, दौरा करूंगा
घंसौर के अनुमंडल दंडाधिकारी अमित बम्होलिया ने बताया कि इस मामले की जानकारी मिली है। यह क्षेत्र बरगी बांध के जलमग्न के अंतर्गत आता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के अधिकांश परिवारों का पुनर्वास किया जा चुका है, लेकिन कुछ लोग छोटी बस्तियों में रह रहे हैं। वहां संकरी मिट्टी की पगडंडी है, जो चलने योग्य नहीं है। स्थिति का जायजा लेने और ग्रामीणों के लिए आसान परिवहन सुनिश्चित करने के लिए बखारी गांव का दौरा करूंगा। घंसौर के जनपद पंचायत के सीईओ मनीष बागरी ने कहा कि बखारी से धूममाल तक सड़क नहीं है, क्योंकि यह वन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।