गुजरात: गरबा स्थल विवाद के बाद चौराहे पर युवकों को पीटने की घटना के जांच के आदेश - THE PRESS TV (द प्रेस टीवी)
October 4, 2023
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गुजरात: गरबा स्थल विवाद के बाद चौराहे पर युवकों को पीटने की घटना के जांच के आदेश

हमदाबाद/नई दिल्ली: गुजरात के पुलिस प्रमुख ने खेड़ा जिले में एक गरबा नृत्य कार्यक्रम पर पथराव करने के आरोपी मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों की पुलिसकर्मियों द्वारा सार्वजनिक रूप से पीटने की घटना की जांच का आदेश दिया है.

वहीं, एक स्वयंसेवी संगठन ने मुख्य सचिव और डीजीपी को इस मुद्दे को लेकर कानूनी नोटिस भेजा है.

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया में आने और वायरल ‘क्लिप’ का अधिकारियों द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद डीजीपी आशीष भाटिया ने जांच का आदेश दिया है.

राज्य गृह विभाग के सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि कपड़वंज के पुलिस उपाधीक्षक वीएन सोलंकी को घटना की जांच करने और एक रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.

सोलंकी ने कहा, ‘देर रात मुझे घटना की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई. मैं यथाशीघ्र अपनी रिपोर्ट सौंपूंगा.’ हालांकि, उन्होंने मंगलवार की घटना में संलिप्त पुलिसकर्मियों के बारे में कोई ब्योरा देने से इनकार कर दिया.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में सादे कपड़ों में पिटाई करते नजर आ रहे लोगों की पहचान खेड़ा जिले की स्थानीय अपराध शाखा (एलसीबी) इकाई के पुलिसकर्मियों के रूप में की गई है.

युवकों को पीटने वाले एक व्यक्ति की पहचान पुलिस इंस्पेक्टर एवी परमार और मारपीट कर रहे लोगों की जेब से फोन और पर्स निकालते नजर आए एक अन्य व्यक्ति की पहचान सब इंस्पेक्टर डीबी कुमावत के रूप में हुई है.

परमार और कुमावत- दोनों खेड़ा में एलसीबी इकाई में तैनात हैं, दोनों ने अख़बार द्वारा उन्हें किए गए कॉल या टेक्स्ट संदेशों का जवाब नहीं दिया.

अखबार के अनुसार, संपर्क करने पर पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया ने कहा, ‘हमने वीडियो में देखे गए पुलिसकर्मियों की जांच के आदेश दिए हैं. जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी.’

परमार और कुमावत के बारे में पूछे जाने पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि ये हमारे आदमी हैं. उन्हें कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए था.’

सूत्रों ने कहा कि एलसीबी इकाई के सात कर्मियों की जांच की जा रही है. एक अधिकारी ने कहा, ‘एक बार प्राथमिक जांच रिपोर्ट जमा होने के बाद अधिकारियों को पहली अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. उन्हें अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा जाएगा.’

गौरतलब है कि तीन अक्टूबर रात खेड़ा के उंधेला गांव में नवरात्रि उत्सव के तहत आयोजित एक गरबा नृत्य कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के लोगों की एक भीड़ के कथित तौर पर पथराव करने से एक पुलिसकर्मी सहित सात लोग घायल हो गए थे.

पुलिस ने मामले में गिरफ्तार संदिग्ध हमलावरों को गांव के चौराहे पर बिजली के एक खंभे से लगाकर खड़ा करके सबके सामने लाठी से पीटा था.

पुलिस के मुताबिक, हमलावरों ने एक मस्जिद के पास कार्यक्रम का आयोजन किए जाने पर आपत्ति जताई थी. कार्यक्रम का आयोजन उंधेला गांव के सरपंच ने नजदीक स्थित एक मंदिर परिसर में किया था.

पुलिस ने पथराव को लेकर गिरफ्तार 13 कथित हमलावरों में तीन आरोपियों की रिमांड मांगी थी. खेड़ा की एक अदालत ने बुधवार को उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया, जबकि 10 अन्य को न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

सरकारी वकील के मुताबिक, दो आरोपियों ने पुलिस कार्रवाई के बारे में न्यायाधीश से शिकायत की थी, जिसके बाद न्यायाधीश ने उनकी मेडिकल जांच कराने का आदेश दिया.

सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में यह देखा जा सकता है कि मंगलवार को तीन लोगों को एक पुलिस वाहन से घटनास्थल के पास लाया गया. इसके बाद उन्हें बिजली के एक खंभे तक ले जाया गया और एक पुलिसकर्मी ने खंभे के पीछे से एक व्यक्ति का हाथ पकड़ रखा है. एक अन्य पुलिसकर्मी द्वारा डंडे से उसकी पिटाई करते देखा जा सकता है.

पुलिस ने गरबा कार्यक्रम पर हुए पथराव की घटना के सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज की है.

मामले में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, महिलाओं सहित करीब 150 लोगों की भीड़ ने गरबा कर रहे लोगों पर पथराव किया था. इनमें से 45 लोगों की पहचान हो चुकी है.

गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास, दंगा करने, गैरकानूनी रूप से एकत्रित होने और जानबूझकर किसी को चोट पहुंचाने से जुड़ी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

इस बीच, गुजरात में एक स्वयंसेवी संगठन पिटाई की घटना को लेकर मुख्य सचिव और डीजीपी को कानूनी नोटिस भेजा है.

अल्पसंख्यक समन्वय समिति (एमसीसी) के संयोजक मुजाहिद नफीस ने अधिकारियों को मानहानि का नोटिस जारी किया है.

कानूनी नोटिस के जरिए संगठन ने गलती करने वाले उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ राज्य सरकार से उपयुक्त विभागीय, अनुशासनात्मक, दंडनीय कार्रवाई करने का अनुरोध किया है, जिन्होंने पिटाई कर पीड़ितों के सभी अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन किया है.

नफीस ने कहा कि यदि कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई तो गलती करने वाले पुलिस अधिकारियों और प्रतिवादियों के खिलाफ उपयुक्त कानूनी कार्रवाई करने के सिवा उनके पास कोई विकल्प नहीं बचेगा.

अधिवक्ता आनंद याज्ञनिक के माध्यम से भेजे गये कानूनी नोटिस में कहा गया है कि पुलिसकर्मियों द्वारा किया गया उत्पीड़न व्यापक स्तर पर प्रकाश में आने के बावजूद आज की तारीख तक कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई.

संगठन ने कहा, ‘इस तरह का खुल्ल्मखुल्ला उल्लंघन न केवल संविधान के अनुच्छेद 21 तहत संरक्षित अधिकार के खिलाफ है बल्कि यह एक सभ्य समाज की संपूर्ण संवैधानिक भावना के भी खिलाफ है.’

तृणमूल कांग्रेस ने एनएचआरसी के समक्ष शिकायत कराई दर्ज

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने गुजरात पुलिस द्वारा कुछ मुस्लिम पुरुषों की कथित तौर पर सार्वजनिक रूप से पिटाई किए जाने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराई है. पार्टी के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले ने कहा कि ‘यह शर्म की बात है’ कि एनएचआरसी ने इस मामले का स्वत: संज्ञान नहीं लिया.

गोखले ने ट्वीट किया, ‘यह शर्म की बात है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने गुजरात में पुलिस द्वारा मुस्लिम युवकों की सार्वजिनक रूप से पिटाई किए जाने के मामले का स्वत: संज्ञान नहीं लिया. उनके पास ‘किसी ने शिकायत नहीं की’ का बहाना नहीं होना चाहिए. इसलिए अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रस ने एनएचआरसी में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है.’

गोखले ने शिकायत की एक प्रति भी साझा की.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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