BJP ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए पार्टी 2019 में हारी 144 लोकसभा सीटों पर रैलियां करने की योजना बना रही है। इन लोकसभा सीटों में से 40 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 40 बड़ी रैलियां करेंगे। बची हुई सीटों पर BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत बड़े नेता सभाएं करेंगे। इस पूरी रणनीति को ‘लोकसभा प्रवास योजना फेज-2’ कहा गया है।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, PM मोदी जिन 40 लोकसभा सीटों पर बड़ी रैलियां करेंगे, उन्हें 40 कलस्टर में बांटा गया है। नए प्लान के मुताबिक प्रधानमंत्री इन सभी 40 क्लस्टर में जनसभा करेंगे। इन कलस्टर्स के प्रभारी कैबिनेट मंत्री होंगे। बाकी बचीं 104 सीटों पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दूसरे केंद्रीय कैबिनेट मंत्री पहुंचकर सभाएं करेंगे। पूरा प्लान कैसे काम करेगा, यह जानने से पहले समझ लेते हैं कि इसका आइडिया कहां से आया।
सितंबर में नड्डा-शाह की मीटिंग में लिखी गई स्क्रिप्ट
इस पूरी रणनीति की पटकथा सितंबर में नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में हुई बैठक के बाद लिखी गई थी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मीटिंग में उन 144 लोकसभा सीटों का एनालिसिस किया, जिन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के लिए कठिन माना जा रहा है। इस बैठक में 25 केंद्रीय मंत्री शामिल हुए थे। इन सभी मंत्रियों ने उन्हें सौंपे गए 3 से 4 लोकसभा क्षेत्रों में उनके काम को लेकर रिपोर्ट्स पेश की थीं। इसके बाद ही पार्टी ने लोकसभा प्रवास योजना फेज-2 तैयार की।
असंतुष्ट कार्यकर्ताओं से बात करेंगे केंद्रीय नेता
लोकसभा प्रवास योजना फेज-2 में हर कलस्टर का प्रभारी कैबिनेट मंत्री को बनाने के पीछे पार्टी की खास रणनीति है। इसके मुताबिक अपने प्रवास के दौरान क्लस्टर प्रभारी स्थानीय असंतुष्ट नेताओं और कार्यकर्ताओं की शिकायतों को सुनेंगे और उनका समाधान करेंगे। प्रभारियों को क्षेत्र की बड़ी स्थानीय हस्तियों के साथ नियमित बैठकें करने की जिम्मेदारी भी दी जाएगी।
क्लस्टर प्रभारी धर्मगुरुओं से मिलने भी जाएंगे
यात्रा के दौरान क्लस्टर के प्रभारी कैबिनेट मंत्री को स्थानीय धार्मिक नेताओं, संतों और अलग-अलग समुदायों के स्थानीय नेताओं के साथ उनके घर जाकर बैठकें करनी होंगी। स्थानीय सामुदायिक उत्सवों और रीति-रिवाजों में भी सक्रिय रूप से भाग लेना होगा। साथ ही क्षेत्र में होने वाले अनुष्ठानों और नुक्कड़ कार्यक्रमों में भी शामिल होना होगा।
डॉक्टरों-वकीलों के साथ मीटिंग भी करेंगे मंत्री
इन कार्यक्रमों के अलावा उन्हें संघ के सभी सहयोगी संगठनों के स्थानीय अधिकारियों और प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ-साथ प्रभारी नेताओं के साथ बैठकें आयोजित करनी होंगी। क्लस्टर प्रभारियों को स्थानीय प्रभावी वोटर्स जैसे वकील, डॉक्टर, प्रोफेसर, बिजनेसमैन समेत अन्य पेशेवरों के साथ भी बैठकें करनी होंगी।