उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने रिश्वतखोरी के मामले में बड़ा एक्शन लिया है। जालौन जिले की पीटीसी ब्रांच में तैनात डिप्टी एसपी विद्या किशोर शर्मा का डिमोशन करके सब-इंस्पेक्टर (दरोगा) बना दिया गया है। पिछले साल शर्मा का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे झोले में नोटों के बंडल लेते दिखे थे।
वीडियो तब का है जब वे रामपुर में डिप्टी एसपी पद पर तैनात थे। आरोप लगे कि गैंगरेप के एक मामले को रफा-दफा करने के लिए उन्होंने 5 लाख रुपए रिश्वत ली। जांच में आरोप सही पाए गए। CM योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करके विद्या किशोर शर्मा का डिमोशन करने की जानकारी दी है।

पहले पूरा मामला समझ लेते हैं
रामपुर की एक महिला ने 9 सितंबर 2021 को आरोप लगाया कि अस्पताल संचालक विनोद यादव और तत्कालीन इंस्पेक्टर रामवीर यादव ने उसके साथ गैंगरेप किया। शिकायत के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। बाद में रामपुर के डिप्टी एसपी विद्या किशोर शर्मा का घूस लेते हुए वीडियो सामने आया। जब वीडियो वायरल हुआ तो आरोपी इंस्पेक्टर रामवीर यादव और अस्पताल संचालक विनोद यादव पर FIR दर्ज की गई।
दिसंबर 2021 में सस्पेंड किया गया
वीडियो सामने आने के बाद दिसंबर 2021 में विद्या किशोर शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया। इसके बाद उन्हें DGP ऑफिस अटैच कर दिया गया था। शासन के आदेश पर मामले की जांच ASP मुरादाबाद को सौंपी गई। जांच में विद्या किशोर शर्मा पर घूस लेने के आरोप सही पाए गए। इसके बाद उनका डिमोशन किया गया।

RTI कार्यकर्ता ने की थी शिकायत
रामपुर में दो साल तक तैनाती के दौरान विद्या किशोर शर्मा हमेशा चर्चा में रहे। 5 लाख रुपए घूस लेने के मामले में उन्हें सस्पेंड किया गया था। तब भी मुख्यमंत्री ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। अब फिर मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए मूल पद पर भेज दिया है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत RTI कार्यकर्ता दानिश खां ने केंद्रीय सतर्कता आयोग में की थी। मुख्यमंत्री से भी शिकायत की गई थी।
दोबारा डिप्टी एसपी बनने में लग सकते हैं 12 साल
शर्मा ने दरोगा पद से पुलिस फोर्स जॉइन की थी। अभी वे सस्पेंड हैं। अब जब भी उनका सस्पेंशन वापस लिया जाएगा तो दरोगा पद पर उनकी तैनाती होगी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शर्मा को वापस दरोगा से डिप्टी एसपी बनने में 10 से 12 साल का वक्त लग सकता है।
यूपी में पहले भी हुआ था डिप्टी एसपी का डिमोशन
यूपी में पुलिस फोर्स में डिमोशन का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले, होटल में महिला कॉन्स्टेबल के साथ रंगरलियां मनाने वाले डिप्टी एसपी कृपाशंकर कन्नौजिया का भी डिमोशन हुआ था। यह मामला 8 जुलाई 2021 का है।

कन्नौजिया उन्नाव में डिप्टी एसपी के पद पर तैनात थे। उन्होंने घर जाने के लिए तीन दिन की छुट्टी ली, लेकिन वे अपने घर नहीं पहुंचे। उनकी पत्नी ने एसपी से शिकायत की। कन्नौजिया की लोकेशन निकलवाई तो पता चला कि वे कानपुर में माल रोड के एक होटल में हैं।
पुलिस होटल पहुंची तो वहां डिप्टी SP और महिला कॉन्स्टेबल के नाम पर कमरा बुक था। यहां दोनों रंगरलियां मना रहे थे। इसके बाद दोनों को सस्पेंड कर दिया गया था। बाद में डिप्टी SP का डिमोशन कर इंस्पेक्टर बना दिया गया था।