भानुप्रतापपुर में होने जा रहे उपचुनाव में अब फुल सियासी एक्शन देखने केा मिलेगा। गुरुवार को भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के उम्मीदवारों ने नामांकन जमा किया। सबसे पहले दर्जनों गाड़ियों का काफिला लेकर भाजपा के लोग नामांकन जमा करने कलेक्टर दफ्तर गए। इसके बाद बारी आई कांग्रेसियों की। पुलिस का खास बंदोबस्त था। शहर से होते हुए कांग्रेसियों का समुह नामांकन जमा करने गया।
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों और उम्मीदवारों को लेकर उनके समर्थकों ने जो बंदोबस्त किया था वो रोचक रहा। भाजपा के ब्रह्मानंद नेताम जो पहले भी भानुप्रतापपुर सीट से विधायक रह चुके हैं उन्हें छोटे मालवाहक में सवार कराया गया। फूलों से सजी इस गाड़ी में कांकेर के सांसद मोहन मंडावी, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव भी सवार थे।

जिस जगह पर अनाज या सीमेंट की बोरियां लादी जाती हैं, भाजपा के नेता खड़े थे। इनके साथ पीछे डॉ रमन सिंह समेत पार्टी के अन्य बड़े नेताओं की कारों का काफिला था। सभी एक साथ नामांकन जमा करने वाले कमरे में दाखिल हुए। बाहर आए तो विक्ट्री साइन बनाकर जीत का इशारा दिया।

दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी पूरी तैयारी कर रखी थी। अपनी प्रत्याशी सावित्री मंडावी को फूलों से सजी लग्जरी ओपन (खुली छत वाली) SUV में चढ़ाया गया। आगे की सीट पर खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खड़े थे, मानों सावित्री के सियासी रण में सारथी की भूमिका निभा रहे हों। इसी गाड़ी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम भी साथ ही थे। विधायक विकास उपाध्याय समेत बड़ी तादाद में कांग्रेसी नेता रायपुर से पहुंचे थे। जो सावित्री के जीत के नारे लगा रहे थे।

भाजपा और कांग्रेस दोनों कर रहीं जीत का दावा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भानुप्रतापपुर उपचुनाव कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी सावित्री मंडावी जीतेंगी। कांग्रेस ने दिवंगत मनोज मंडावी को श्रद्धांजली के रूप में सावित्री मंडावी को पार्टी का प्रत्याशी बनाया है। सावित्री मंडावी उच्च शिक्षित और संवेदनशील महिला हैं। मनोज मंडावी के जनकल्याणकारी कार्यों में अर्धांगिनी के रूप में उनकी सक्रिय भागीदारी रही है। भानुप्रतापपुर की जनता अपने दिवंगत विधायक को श्रद्धांजलि के रूप में सावित्री मंडावी के पक्ष में मतदान करेगी।

दूसरी ओर भाजपा की जीत को लेकर डॉ रमन सिंह ने भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस से आदिवासी तंग आ चुके हैं। इसलिए भाजपा के प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को ही प्रचंड बहुमत से विजय मिलेगी। ब्रह्मानंद नेताम भानुप्रतापपुर से साल 2008 में विधायक रह चुके हैं। मनोज मंडावी को एक बार हरा चुके हैं। आदिवासी संगठनों में इनकी पैठ अच्छी मानी जाती है। इस बार भाजपा आदिवासी आरक्षण के मुद्दे के साथ चुनाव में है। नेताम की समाज में पैठ का फायदा भाजपा को मिल सकता है।
कांग्रेस के मनोज मंडावी थे इस सीट से विधायक
भानुप्रतापपुर से कांग्रेस विधायक मनोज कुमार मंडावी का 16 अक्टूबर की सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उसके बाद इस सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया। निर्वाचन आयोग ने चुनाव की अधिसूचना 10 नवम्बर को जारी कर दिया है। 17 नवम्बर तक मतदान की अंतिम तिथि है। नया विधायक चुनने के लिए पांच दिसंबर को मतदान होगा। आठ दिसंबर को मतगणना होगी और परिणाम घोषित किया जाएगा।
आदिवासी समाज में पकड़ का मिल सकता फायदा
भानुप्रतापपुर से ब्रह्मानंद नेताम को चुनाव लड़ाया जाएगा। नेताम को पार्टी ने फिर से टिकट दिया है। ब्रम्हानंद नेताम भानुप्रतापपुर से साल 2008 में विधायक रह चुके हैं। मनोज मंडावी को एक बार हरा चुके हैं। आदिवासी संगठनों में इनकी पैठ अच्छी मानी जाती है। इस बार भाजपा आदिवासी आरक्षण के मुद्दे के साथ चुनाव में है। नेताम की समाज में पैठ का फायदा भाजपा को मिल सकता है।
टीचर रह चुकी हैं सावित्री
भानुप्रतापपुर विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष रहे मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी रायपुर के कटोरा तालाब स्थित सरकारी स्कूल में व्याख्याता के पद पर तैनात थीं। बच्चों को पढ़ाने का काम रहा है। जब निर्वाचन आयोग ने उप चुनाव का कार्यक्रम जारी किया। उसी दिन दोपहर बाद ही सावित्री मंडावी ने टीचर की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। दिवंगत मनोज मंडावी की अंतिम यात्रा में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सावित्री मंडावी को उम्मीदवार बनाने की बात कही थी। पिछले सप्ताह कांकेर के चारामा में हुई मुख्यमंत्री की जनसभा में भी सावित्री मंडावी के समर्थन में नारे लगाए गए थे।