प्रदेश के खाद्य-औषधि प्रशासन विभाग के अफसरों की पदोन्नति विवादों में घिर गई है। हाल ही में विभागीय स्तर पर हुई एक बैठक की वजह से मामले ने तूल पकड़ा है। सूत्रों के मुताबिक कुछ चहेतों को प्रमोशन देने के चक्कर में डिपार्टमेंट नियमों की अनदेखी कर रहा है। कई तथ्य विभाग के सचिव से भी छुपाए जाने की बात सामने आई है।
खाद्य-औषधि प्रशासन विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को प्रमोट किया जाना है। मगर ये प्रमोशन भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे अफसरों की वजह से विवाद हो चला है। किसी भी प्रमाेशन को तय करने के लिए हर विभाग की वरिष्ठता सूची जारी होती है। बिना इस सूची के मनमाने ढंग से प्रमोशन दिए जाने की कोशिश हो रही है।
दरअसल बीते 16 दिसंबर काे खाद्य-औषधि प्रशासन विभाग की बैठक हुई। विभाग के अफसरों ने इस बैठक पर सवाल उठाया है। शिकायकर्ताओं ने जानकारी दी है कि जब पहले से ही वरिष्ठता सूची का मामला अदालत में है ऐसे में ये बैठक वैधानिक नहीं है। सूची को लेकर शिकायत करने वाले पक्ष को भी बैठक किए जाने की की कोई लिखित जानकारी नहीं दी गई।
यह है पूरा मामला
नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन कार्यालय ने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की वरिष्ठता सूची 13 जून 2021 को जारी की। इस पर दावा आपत्ति के लिए समय दिया गया था । इसके बाद 18 अभ्यर्थियों की वरिष्ठता और उनकी नियुक्ति आदेश को लेकर आपत्ति जताई गई थी। विभाग ने इसका नहीं किया गया इसलिए इसके खिलाफ एक याचिका हाईकोर्ट में लगाई गई। अब इस मामले की सुनवाई जारी है।
विभाग के नियंत्रक के कार्यालय से इसी साल 24 जून 2022 को खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के प्रमोशन का प्रस्ताव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रमुख सचिव को भेजा गया, लेकिन इसमें हाई कोर्ट में चल रहे मामले का जिक्र नहीं किया गया । अब दिसंबर 16 को प्रमोशन को लेकर बैठक भी कर ली गई इसी वजह से इस पूरी प्रक्रिया को रोकने की मांग की जा रही है।
नियंत्रक बोले सूची है
खाद्य एवं औषधि प्रशासन के नियंत्रक केडी कुंजाम ने इस मामले पर कहा कि नियमों का पूरी तरह से पालन करते हुए ही प्रमोशन को लेकर बैठक की गई है। ये पूछे जाने पर कि क्या विभाग ने वरिष्ठता सूची का पालन किया है, कुंजाम ने कहा कि हां सूची के हिसाब ने ही काम कर रहे हैं। कोर्ट में आपत्ती लगाई गई है, अदालत ने विवाद नामों के अलावा अन्य पर विचार करने को कहा है, इसी प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है।
विभागीय कर्मचारियों को सूची की जानकारी नहीं
विभागीय कर्मचारियों का आरोप है कि सूची के बिना ही प्रमोशन करने का प्रयास हो रहा है क्यांेकि किसी सूची के बारे में उनको ही जानकारी नहीं है, जबकि सूची से पूरे विभाग को अवगत कराया जाता है । साल 2021 की सूची नियमों के मुताबिक 31 दिसंबर 2021 तक ही वैलिड होती है। उस सूची का तो प्रकरण कोर्ट में भी दाखिल है। काेई नई सूची विभाग ने जारी नहीं की है, ऐसे में अफसरों की मनमानी विभाग में काम कर रहे कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ साबित हो रहा है।