गुजरात में निर्माणाधीन ओवरब्रिज का हिस्सा गिरा - THE PRESS TV (द प्रेस टीवी)
September 23, 2023
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गुजरात में निर्माणाधीन ओवरब्रिज का हिस्सा गिरा

गुजरात के अमरेली ज़िले में एक निर्माणाधीन राजमार्ग का हिस्सा रहा ओवरब्रिज बीते 27 फरवरी को गिर गया था. इससे संबंधित एक वीडियो बीते बृहस्पतिवार को वायरल हो गया. घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. इससे पहले अक्टूबर 2022 में मोरबी में बना ब्रिटिश काल का केबल पुल रेनोवेशन के बाद ढह गया था, जिसमें 47 बच्चों सहित लगभग 135 लोग मारे गए थे.

अमरेली: गुजरात के अमरेली जिले में एक निर्माणाधीन राजमार्ग ओवरब्रिज का एक हिस्सा गिर गया. इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है. बीते बृहस्पतिवार को अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

एनडीटीवी के मुताबिक, यह घटना 27 फरवरी की सुबह राजुला के पास दतारडी गांव के पास हुई, वहीं ढहे ढांचे का एक वीडियो बृहस्पतिवार को वायरल हो गया.

अमरेली के जिला कलेक्टर गौरांग मकवाना ने कहा कि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ है.

उन्होंने बताया कि दतारडी बाइपास पर बन रहा ओवरब्रिज निर्माणाधीन भावनगर-सोमनाथ राजमार्ग का हिस्सा है.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘खंभों पर कंक्रीट के गाटर (लोहे या स्टील की एक बड़ी बीम या संरचना जिसका उपयोग पुलों और बड़ी इमारतों के ढांचे के निर्माण के लिए किया जाता है) लगाए गए थे और उन्हें सुरक्षित करने की प्रक्रिया चल रही थी. खुदाई करने वाले ऑपरेटर की गलती के कारण कुछ कंक्रीट गाटर झुक गए और जमीन पर गिर गए.’

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सूत्रों के मुताबिक, पुल गिरने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. ठेकेदार ने वीडियो को मनगढ़ंत बताकर इसे खारिज करने की कोशिश की और घटना को छिपाने के लिए पुल पर तेजी से काम शुरू कर दिया.

सड़क का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा सौंपा गया है.

मालूम हो कि इससे पहले 30 अक्टूबर 2022 को गुजरात के मोरबी में माच्छू नदी पर बना ब्रिटिश काल का केबल पुल अचानक ढह गया था, जिसमें 47 बच्चों सहित लगभग 135 लोग मारे गए थे. एक निजी कंपनी द्वारा मरम्मत किए जाने के बाद पुल को 26 अक्टूबर को लोगों के लिए फिर से खोला गया था.

दस्तावेजों के अनुसार, मोरबी में घड़ी और ई-बाइक बनाने वाली कंपनी ‘ओरेवा ग्रुप’ को शहर की नगर पालिका ने पुल की मरम्मत करने तथा संचालित करने के लिए 15 साल तक का ठेका दिया था. एक रिपोर्ट के मुताबिक, ओरेवा समूह ने यह ठेका एक अन्य फार्म को दे दिया था, जिसने रेनोवेशन के लिए आवंटित दो करोड़ रुपये में से मात्र 12 लाख खर्च किए थे.

मोरबी पुलिस ओरेवा ग्रुप के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल सहित 10 आरोपियों को आईपीसी की धारा 304, 308, 336, 337 और 338 के तहत गिरफ्तार कर चुकी है. इससे पहले गिरफ्तार किए गए नौ लोगों में से चार समूह से संबद्ध थे.

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