बैंक, यूपीएससी, राज्य सिविल सेवा आदि की नौकरी मिल जाना उनके लिए किसी माइलस्टोन से कम नहीं होता है. लेकिन इन दिनों लोगों का ध्यान सरकारी नौकरी से हटकर ऑफबीट करियर ऑप्शंस की तरफ भी जा रहा है (Offbeat Career Options). इनमें भी यूट्यूब वीडियो (YouTube Video) को सबसे बड़ा इनकम सोर्स माना जाने लगा है.
छत्तीसगढ़ के रायपुर में स्थित तुलसी गांव को यूट्यूबर्स का गांव कहा जाता है (Tulsi Village In Raipur). इस गांव में लगभग 432 परिवार रहते हैं. इनकी आबादी 3000-4000 के बीच है. इनमें से 1000 लोग यूट्यूब के जरिए अपनी कमाई कर रहे हैं (YouTubers Salary). इस गांव में रहने वाले 5 साल के बच्चे से लेकर 85 साल की दादी-नानी तक यूट्यूब पर सक्रिय हैं. गांव में यूट्यूब का जुनून दो दोस्तों ने शुरू किया था, जिनकी कहानी अपने आप में काफी दिलचस्प है.
तुलसी गांव में रहने वाले दो दोस्तों, जय और ज्ञानेंद्र ने 2016 में यूट्यूब चैनल शुरू किया था. बचपन से एक्टिंग का शौक रखने वाले जय वर्मा पहले कोचिंग सेंटर चलाते थे, जिसमें कक्षा 11वीं से लेकर बीएससी तक के बच्चों को पढ़ाते थे. फिर उन्होंने पड़ोस में रहने वाले ज्ञानेंद्र के साथ मिलकर यूट्यूब पर कॉमेडी वीडियो अपलोड करने शुरू कर दिए थे. वहीं, ज्ञानेंद्र SBI में इंजीनियर थे. उन्हें बैंक की तरफ से हाई स्पीड इंटरनेट मिला था. यूट्यूब वीडियो देखते-देखते वह खुद ही बनाने भी लगे.
रायपुर के तुलसी गांव में क्रिएटिव लोगों की कोई कमी नहीं है. गांववाले इन दोनों दोस्तों का खूब सहयोग करते हैं. इनके वीडियो में कॉमेडी का तड़का लगाना हो या ज्ञान का भंडार देना हो, गांव के बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग तक अपना इनपुट देने के लिए हर वक्त तैयार रहते हैं. अब तो गांव के लोगों ने 40-50 चैनल बना लिए हैं. पहले ये लोग मोबाइल फोन पर शूट करते थे लेकिन अब इनके पास कैमरा व शूटिंग के अन्य उपकरण उपलब्ध हैं.