ए0 एस0 अन्सारी
यू0 एफ0 अन्सारी
-
मनेन्द्रगढ वन विभाग ने विगत 3 सालों में 6 फॉरेस्ट रेंज में लाखों पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन आज यहां सिर्फ 15, 20 फीसदी पेड पौधे ही नजर आ रहे हैं जो विभाग के भ्रष्टाचार की कहानी कह रहे हैं.
मनेन्द्रगढ़। वनमण्डल में हरियाली बढ़ाने के लिए पौधरोपण के नाम पर किया गया फॉरेस्ट विभाग का बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है. विभाग ने साल 2015-16 से लेकर 2021-2022 तकं हरियाली बढ़ाने के लिए फॉरेस्ट एरिया में करोड़ों रुपए की लागत से समस्त फारेस्ट रेन्ज में प्लांटेशन करवाया था. 100 प्रसेन्ट प्लान्टेशन तो कागजों में हो गया और अब महल 15 से 25 प्रतिशत पौधे ही जमीनों पर बचे हुए है। जो विभाग द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की कहानी कह रहे हैं.
अपनी दूर्दशा की कहानी कह रहा यह प्लान्टेशन जिसमें सागौन के पौधो को रोपा गया था जिसकी लागत कराणो के आस पास आई थी। परन्तु इस प्लान्टेशन में ना तो दवाइयों को उपयोग हुआ ना ही इसमें खाद, नीम खली, बोन मिल, यूरिया इत्यादि का ही उपयोग किया गया। यानी ये सभी सामाग्री तो खरीदे गए पर सिर्फ कागजों में। लाखो रूपयों का बन्दरबांट वनमण्डल में हुआ जिसका खामियाजा इस प्रकार से लगाए गए प्लान्टेशन को देखने से ही हो जाता है। इस प्लान्टेशन की यदि भौतिक सत्यापन और मिट्टी परिक्षण किया जाए तो यह स्पस्ट हो जाएगा कि इस प्लान्टेशन में दवाईया और अन्य उर्वरक डाले गए या नहीं? यदि डाले गए होते तो यहां का यह प्लान्टेशन अपनी दूर्दशा पर आंसू बहाने को मजबूर ना होता।

घोटाले की इस महा प्लान्टेशन में हरियाली, नजर ही नहीं आता है। करोड़ों रुपए की लागत से मनेन्द्रगढ़ वनमण्डल के मनेन्द्रगढ़ फॉरेस्ट रेंज में प्लांटेशन करवाया गया था. आज यहां हरियाली की जगह मैदान नजर आता है. सिर्फ 10 से 15 फिसदी पौधे ही बचे है वो भी सड़क के किनारे। अन्दर जगंल में यदा कदा कोई पौधा जीवित नजर आता है। और बाकी जगह तो पौधे लगाए जाने की कोई नामोनिशान तक नजर नहीं आता है। वन मंडल मनेन्द्रगढ़ के 6 वन परिक्षेत्रों में लाखों पौधे लगा चूका है, लेकिन विभाग अपने पहले लगाए हुए पौधों की कोई सुध नहीं ले रहा है.
फॉरेस्ट विभाग का यह लक्ष्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है. वन विभाग ने सिर्फ सूखे पौधों का ही पौधरोपण नहीं कराया बल्कि देखरेख के अभाव में करोड़ों के पौधे मवेशी खा गए? जबकि बड़ी संख्या में पौधे पेड़ बनने से पहले ही नष्ट हो चुके हैं. विभाग के अफसरों के पास अब इस बात का भी कोई जवाब नहीं है कि पहले से लगाए गए पौधों को जमीन निगल गई या आसमान।

कागजों में खूब बढ़ी हरियाली
भ्रष्टाचार में पूरी तरह डूबा वन विभाग न सिर्फ सूखे पौधों का प्लानटेशन करा चुका है बल्कि उन पौधों की टेंकरों के माध्यम से सिंचाई किए जाने के भी लाखों रुपए के बिलों का भुगतान ले चुका है, हालांकि यह सबकुछ कागजों पर ही हुआ है और वन क्षेत्र की बजाए कागजों पर हरियाली भी खूब बढ़ी है. द प्रेस टीवी आपको मनेन्द्रगढ़ वनमण्डल के सभी 6 फॉरेस्ट रेंज की हकीकत आपको एक के बाद एक दिखाने को तत्पर है. तस्वीरों में नजर आने वाले खाली मैदानों को देखकर यही कहा जा सकता है कि अबतक लगाए गए पेड़ों में से अगर आधे पेड़ों को भी जिंदा रखने की कोशिश की गई होती तो मनेन्द्रगढ़ वनमण्डल के समस्त फॉरेस्ट रेंज की हर खाली जगह हरे-भरे पेड़ों से भर चुकी होती। परन्तु कमीशन खोर अधिकारियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि जंगल रहे या ना रहे उनकी जेबें हमेशा भरी रहनी चाहिए।
हमने इन समस्त वन परिक्षेत्रों में हुए घोटालो की एक एक विडियो फिल्म तैयार की है जिसे कोरिया जिले के दौरे में आने वाले मूख्यमन्त्री महोदय को सौंपकर जांच एवं कार्यवाही की मांग की जाएगी तथा जो घोटाले हो चूके है उनकी रिकवरी की मांग की जाएगी।